के उद्देश्य को लेकर परमात्मा की बनाई हुई...............
के उद्देश्य को लेकर परमात्मा की बनाई हुई समस्त सृष्टि के अंदर समस्त जीव आत्माओं को परमेश्वर का अंश मानते हुए परमेश्वर की सृष्टि एवम प्रकृति की रक्षा सुरक्षा हेतु मानव जीवन को संस्कारित बनाने के लिए यह संस्था निस्वार्थ भाव से कार्य कर रही है इस न्यास के कार्यकलाप वृहत समाज की भलाई के लिए हैं जिसमें न कोई लाभ का उद्देश्य है ना ही हानि का निर्धन असहाय बेसहारा गरीब बच्चियों के सपनों को साकार करने के लिए उनकी शिक्षा एवं वैवाहिक जीवन को सुंदर बनाने हेतु बच्चियों के लिए संस्था कार्य कर रही है। श्रीराम के अनन्य भक्त मां अंजनी के लाला हनुमान जी श्री बालाजी महाराज कलयुग के प्रधान देवता हैं उन्हीं की कृपा एवं आशीर्वाद से इस न्यास के संस्थापक व संयोजक श्री सतेन्द्र राघव श्री बालाजी महाराज की प्रेरणा से मानव जीवन के उत्थान हेतु समाज सेवा में अपना योगदान कर रहे हैं।
संस्थापक संयोजक का संदेश
श्रीराम के देश में कोई अनाथ नहीं है सभी सनाथ हैं । ऐसे भाव को धारण करते हुए श्री राम जी के आशीर्वाद व श्री बालाजी महाराज जी की प्रेरणा से मानव जीवन उत्थान के उद्वेश्य को लेकर में आगे बढ़ना चाहता हूं ना मुझे मोक्ष की इच्छा है ना ही मुझे समस्त पृथ्वी के वृहद राज्य की आकांक्षा है भक्ति मार्ग को अपना आधार मानते हुए मेरी यही उत्कृष्ट कामना है कि दुख एवं आर्थिक रूप से असहाय बेसहारा निर्धन जीवन को यापन करने वाले परिवारों की बेटियां अपने सपनों को साकार नहीं कर पा रही हैं उनके सपने साकार हों
वर्तमान परिवेश में मानव जीवन के मूल्यों को ध्यान में रखते हुए संस्कार एवं संस्कृति को आधार मानकर मानव कल्याण हेतु सामाजिक जीवन में पर्यावरण शुद्धि एवं जलवायु मंडल को स्थिर रखने हेतु जल संरक्षण के लिए यज्ञ वैदिक पद्धति से मानव जीवन में सामंजस्य बिठाते हुए समस्त विश्व को विश्व शांति के मार्ग की तरफ प्रेरित करना ।
भारत देश समर्पण सेवा संस्कार सभ्यता व ऋषि महर्षियों की तपोभूमि है। इस तपोभूमि को समस्त विश्व के रूप में पथ प्रदर्शक बनाकर विश्व शांति के लिए ।